अगर आप कोई लक्ष ही नहीं हैं, तो आपकी सफलता संदीग्ध हैं । अगर आप यही नहीं जानते की आप कहाँ पहुँचना चाहते हैं, तो आप कहीं नहीं पहुँच सकते । जैसे किसी यित्रा पर जाने से पहले आपको यह पता होना चाहिए की आप कहाँ जाना चाहते हैं, इसी तरह आपको यह भी पता होगा चाहिए आर्थिक क्षेत्र में आप कहाँ पहुँचना चाहते है । तभी आप वहाँ तक पहुँच सकते हैं ।यदि आपकी कोही मंजिल ही नहीं हैं तो आप वहाँ तक पहुँचने की योजना कैसै बनाएँगे और उस दिशा में कैसै चलेंगे? अगर आप जिवन मैं कुछ करना चाहते हैं, तो यह जान लें की लक्ष्य के बिना नही चलेगा ।
लक्ष्य दो तरह के होते हैं : सामान्य लक्ष्य और निश्चित लक्ष्य
सामान्य लक्ष्य इस तरह के होते हैं, 'मैं और ज्यादा मेहनत करुगा, मैं अपनी कार्यकुशलता बढाऊँगा , में योग्यता में वृद्धि करुगा इत्यादि । दुसरी और स्पष्ट लक्ष्य इस प्रकार के होते है, मैं दिन में 8 घंटे काम करुगा,या मैं 20000 रुपया प्रति महिना कमाउँगा, मैं आकाटिंग का कोर्स करुगा ।स्पष्ट लक्ष्य वे होते हैं जिन्हें नापा या जाँचा जा सकता है ।
लक्ष्य जितना स्पष्ट होता है, उतनिही ज्यादा सफलता होगी । स्पष्ट आर्थिक लक्ष्य सफलता के लिए कितने महत्वपूर्ण होते हैं इसका उदाहरण देखें ।
एक सेल्समैन की पत्नी अस्पताल में लंबे समय तक भर्ती रही । हैरानी की बात यह थीं कि उस साल सेल्समैन ने अपने सामान्य औसत से लगभग दुगना सामान बेचा ।जब उससे उसकी सफलता का कारण पुछा तो उसने कहा कि अस्पताल का बिल उसके सामने रखा था कि बिल चुकाने के लिए उसे कितना सामान बेचना होगा ।
इस उदाहरण से यह स्पष्ट हो जाता है कि अगर कोई मनुष्य ठान ले वह अपने आर्थिक लक्ष्य हासिल सकता है, बशर्ते उसके सामने स्पष्ट लक्ष्य हो।
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