जिसे तरह आप पैसों का बजट बनाते हैं, उसी तरह समय का बजट बनाएँ । बजट बनाने के लिए आपको यह हिसाब लगाना होता हैं कि आपका पैसा कहाँ खर्च हो रहा है । समय के मामले में भी यह निती अपनाएँ । एक डायरी ले और एक सप्ताह तक यह रिकार्ड रखें कि आप किसी काम के लिए कितना समय खर्च कर रहे है । ड्राइवरो कि भाषा में इसे लाॅग बुक कहा जाता है, जिसमें वे लिखते हैं कि गाड़ी कितने किलोमीटर चलि । समय की अपनी लाॅग बुक में आप जितना बालिका हिसाब रखैगे आपको उतना ही ज्यादा फायदा होगा ।
देखीए, अगर लाॅग बुक रखने से पहले कोई आपसे पुछता कि आप समय बर्बाद करते हैं, तो आप तैश में आकर जवाब देते , मैं जरा भी समय बर्बाद नहीं करता यह इंसान का स्वभाव होता हैं ।वह मानता हैं कि वह जो कर रहा है, सही कर रहा है ।इनका मुल कारन यह है की वह जानता ही नही हैं। अगर उसे मालुम
होता कि वह कोई गलत चिज कर रहा है, तो वह उसे करता ही नहीं । समय- प्रबंधन के संदर्भ दरअसल दोष आपका नही है ; वास्तव मे आपको तो यह एहसास ही नहीं हैं की आपका कितना समय अनावश्यक रुप से खर्च हो रहा है और कहाँ हो रहा है ।यह एहसास तो लाॅग बुक रखने के बाद ही होता है।
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